अश्विनी ने उनका हौसला बढ़ाया। पाखी बालकनी से मुस्कुराती है। विराट और सई अंदर चलते हैं। विनू सई को देखकर परेशान हो जाता है और पाखी के पास यह कहते हुए दौड़ता है कि वह सई के साथ नहीं रहना चाहता। सावी विराट से कहता है कि वह उसका इंतजार कर रही थी और बाबा और आई दोनों के साथ बैडमिंटन खेलना चाहती है।
विराट कहते हैं अभी नहीं। सावी पूछता है कि क्या वह आयी को लाने गया था। विराट का कहना है कि वह ऐसा सोच सकती हैं। साईं का कहना है कि उन्हें आए को रोज उठाना और छोड़ना चाहिए और साईं को रोजाना बाबा के साथ जाने के लिए कहना चाहिए। साईं कहती है कि हम इसके बारे में देर से बात करें और उसे उठा लें। सावी आई, बाबा और विनू के साथ खेल खेलने का आग्रह करता है। सई विनू को पाखी के पीछे छिपते हुए देखती है
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