मंदार उसे रोकता है और कहता है कि लड़कियों को उनकी संस्कृति में देवी लक्ष्मी माना जाता है और वे पैर नहीं छूते हैं। उसकी पत्नी पूछती है कि क्या दूर्वा कॉलेज में पढ़ रही है। सुरेखा कहती है कि अगर वे चाहें तो वह शादी के बाद अपनी पढ़ाई बंद कर देगी। मंदार का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकती है।
दुर्वा कहती है कि वह पढ़ाई नहीं करना चाहती। ईशान सावी को याद करते हुए बताता है कि उसे आगे पढ़ने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा और वह सोचता है कि उसकी बहन इतने सारे संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद भी पढ़ाई नहीं करना चाहती है और सावी इतनी सारी बाधाओं के बावजूद भी पढ़ना चाहती है। मंदार का कहना है कि सैम मुंबई में बिजनेस करना चाहता है, नए जोड़े को मुंबई में बसने दो, पुराना जोड़ा शोलापुर में ही रहेगा।
सावी कहती है कि अगर उसे सैम मिल गया तो वह उसे सज़ा देगी और जेल में डाल देगी। मंदार की पत्नी उससे पूछती है कि वे यह गेम क्यों खेल रहे हैं, सावी ने पहले ही उन्हें बहुत परेशान किया है। यशवंत और सुरेखा यह सुनते हैं और पूछते हैं कि क्या उसने सावी कहा था। पत्नी का कहना है कि उसने चावी/की कहा क्योंकि सैम अक्सर छोटी-छोटी बातें भूल जाता है। सुरेखा कहती है कि ईशान भी चीजें भूल जाता है। मंदार भोसले संस्थान के निर्माण में यशवंत की मेहनत की प्रशंसा करते हैं।
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